Wednesday, 11 January 2017

वह कौन है जिससे हमारे देश की सरकार डरती है

अक्सर लोग मुझसे पूछते हैं कि क्या कोई ऐसा भी है जिससे RSS और मोदी डरते हों.यह सवाल करने वाले भाई बहनों को लम्बे वक्त से मैं कोई पक्का जवाब नहीं दे पाया लेकिन आज मैं आपको इस छोटी सी पोस्ट में एक ताज़ा उदाहरण दे कर समझाऊंगा कि वह कौन सी ताकत है जिसके आगे RSS और हमारे देश का प्रधानमंत्री दोनों पूरी तरह बेबस हैं.
                  अगर आपके पास आज यानी 11/01/2017 का 'The Hindu' अख़बार उपलब्ध हो तो उसके पेज नं. 13 पर एक ख़बर छपी है और ख़बर के बीचोंबीच लिखा है 'Compassion International'.ख़बर यह है कि भारत सरकार ने इस NGO को watchlist में से हटा दिया है.यानि की पहले सरकार इस NGO की गतिबिधियों पर नज़र रख रही थी और बकायदा इसकी तहकीक भी हो रही थी पर अब सरकार इसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करेगी.
                         आपको यह जानने की सख़्त ज़रूरत है कि यह Compassion International चीज़ का नाम है.यह एक गैर सरकारी संस्थान यानी NGO है जो अमेरिका के Colorado शहर और प्रांत से संचालित होता है और इसके CEO का नाम है Stephen Oakley. पिछले साल 2016 में इस संगठन पर आरोप लगा था कि यह संगठन भारत में दो NGOs को मदद पहुँचा रहा है जिनके नाम हैं 'Caruna Val Vikas' [चेन्नई] और Compassion East India. आगे इस दो NGOs पर आरोप यह है कि यह दोनों बड़ी तादाद में आदिवासियों और दलितों को पैसे का लालच दे कर इसाई धर्म में परिवर्तन करवा रहे हैं.अब मतलब यह निकलता है कि Compassion Internation भारत में हो रहे मिशिनरी प्रचार और गरीब हिंदुओं को इसाई बनाने का राम कर रहा है.
                    आपको यह तो पता ही होगा कि RSS धर्मांतरण के मामलों में बड़ा संवेदनशील है.वह नहीं चाहता कि कोई हिंदू किसी दूसरे धर्म को अपनाए.उल्टा वह तो चाहते हैं कि सब ग़ैर हिंदू लोग घर वापसी कर लें.आपमें से सौ फीसदी न सही पर 75% लोग तो यह मानने को ज़रूर तैयार होंगे कि मोदी जी प्रधानमंत्री के तौर पर संघ की विचारधारा को फैलाने का काम कर रहे हैं.
                     पिछले साल संघ और अन्य हिंदूत्ववादियों ने भारत सरकार से कहा था कि Compassion International पर भारत में प्रतिबंध लगाओ ताकी गरीब हिंदू लोगों को इसाई बनाने का कारोबार रूके.सरकार भला उनकी बात कैसे टाल सकती थी, सरकार ने इस संगठन को Watchlist में डाल दिया ताकी बाद में इस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा सके.पर यहां बीच में कुछ और हो गया.जांच करने पर आप पाएंगे कि यह NGO बकायदा अमेरिका की सरकार द्वारा संरक्षित और प्रचालित है.अब मैं, आप या फिर मोदी जी वह काम कैसे कर सकते हैं तो अमेरिका की सरकार और 'अंतराष्ट्रिय इसाई लॉबी के विपरीत हो.उम्मीद करता हूँ कि आपको बात समझ आई होगी.
नोट - उपरोक्त विचार व्यक्तिगत हैं.आपका असहमत होना सवीकार्य है.

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